Tuesday, March 31, 2020

man ki suno

सुनो अपने मन की  / 



आज लॉक डाउन  का छटवा  दिन है
घरो में बैठे बैठे  अब घबराहट सी हो रही है  रोज समाचार सुन रहा हूँ

जानना  चाहता हूँ  की कब  इस  करोना  का कहर  समाप्त  होगा
पर कोई भी सही   बात बताने में सक्षम नहीं
ज़्यादा  चिंता  करने से क्या होगा इससे तो हम खुद ही बीमार हो जायेंगे
बेहतर होगा की  हम कुछ ऐसा करे जिससे  अपना भी भला हो और  दूसरो का भी भला हो

दिल दीवाना  बिन बाहर  गए  माने  न
यह पगला है  समझाने  से  समझे  न

आप सोच रहे हो  मै  अपना ब्लॉग इस स्टाइल  मे  क्यों  लिख रहा हूँ
सुनिए जब आप आजकल गाने रैप  स्टाइल में सुनते हो तो
क्यों नहीं मै  अपना ब्लॉग रैप  स्टाइल में लिखू

अच्छा अब काम की बात  हो जाये
आज सुबह मै खुद से मिला और और  यह जानने की कोशिश  की  क्या मै  सही हूँ
   मेरी बातचीत
 अरे यार तुम इतने समझदार हो पर अक्ल  से काम नहीं लेते
     मैंने क्या किया  /
तुम अपना समय बर्बाद करते हो  कुछ तो अच्छा करो
     अरे  मै   क्या  करूँ  जानते नहीं  करोना   का कहर  झेल रहा हूँ
तुम क्या कर हो  यह काम डॉक्टर कर रहे है अभी तो   तुम्हारा   कोई काम नहीं
      ऐसा मत कहो  मै  तो एक योद्धा  की तरह घर पर रहकर  ही लड़  रहा हूँ
ठीक है मान  लिया  की तुम सही हो  पर यह बतलाओ की  तुमने जो एक लिस्ट  बनायीं थी
की तुम घर पर रह कर कुछ अच्छे  काम करोगे उसका क्या हुआ
      मै  भी कुछ करना चाहता हूँ पर मूड नहीं  बनता  अच्छा अब  मै  अपनी  कविता सुनाता हूँ

              बड़े अच्छे थे वह दिन
              जब हम एक दूसे के गले लग
               प्यार का इजहार  करते
               पर अब तो    व्हाट्सप्प  पे गुड मॉर्निंग  लिख
                थोड़ा मुस्कुरा देते है
               चलो  आज का काम हो गया

देखिये  नाराज न होना  यह तो मेरे  मन की बात थी
हो सकता है आपके जज्बात अलग हो

कुछ लोग कभी भी नहीं सुधरेंगे  अभी भी  एक धार्मिक संगठन के लोगो ने
हम सब की जान मुसीबत में डाल दाल दी है

मजदूरों  का पलायन भी एक गंभीर समस्या बन सकती है
कैसे हम जीए  हमें तो  अब जीने के लिए भी हाथ जोड़ना  पड़  रहा है

अब तो  थोड़ी   भी खांसी
 होती है या  छींक   आती है तो बस यह लगता है
   कहीं वो तो नहीं
  हम हर पल मर कर जी रहे है

 हर आदमी की डिजायर होती है  जसे वह पूरा नहीं कर पता
 मेरी  भी  बहुत अभिलासये  है जो अभी तक पूरी नहीं कर पाया

 मै    चाहता था की  मेरे पास इतना पैसा हो की  मै  गरीब बच्चो की मुफ्त शिक्षा  का
काम कर सकू पर शायद  ईश्वर  को मेरी यह अभिलासा   नहीं भाई

एक बात जो  मै  कल नहीं कह सका
इटली   और स्पेन  जैसे विकसित और सम्पन्न  देश में  बुजुर्गो  की अहमियत नहीं
उन्होंने एक अमानवीय  कार्य  किया है
बुजुर्गो को उनके हाल पर मरने के लिए छोड़ दिया
क्या  यह  मानवता है
क्या ईश्वर ने इसलिए हमें बुद्धि दी  है
 खुद को  प्रभु  का सेवक  माने   क्योकि आप  का दिल बुजुर्गो के लिए धड़कता  है

एक बात  याद  रखे  यदि अच्छा नहीं कर पाए तो बूरा न करे

धन्यवाद  आज  इतना  ही



1 comment:

  1. यह आपका अभिव्यक्ति दिल को छू गया।इच्छाएं कभी पूर्ण नही होती..अच्छा है कुछ इच्छा अपूर्ण रहे ताकि जीने का मज़ा मिल सके।रोज़ संघर्ष करते रहना मनुष्य को जिंदा होने का आभाष दिलाता है।आप इसी तरह अपनी भावनाओं को व्यक्त करें।अच्छा लगता है।

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