प्रिय मित्रो ,
नमस्कार /
इन दिनों जब से लॉक डाउन के कारण घर पर ही रहना पड़ रहा है तब से मेरे मन में अनेक विचार उत्पन्न
हो रहे हैं
कुछ विचार अच्छे हैं तो कुछ बुरे
चलिए पहले कुछ गुन गुना कर मन को अच्छा कर ले
अच्चुतम केशवम कृष्णा दामोदरम ......
राम नारायणम जानकी वल्लभम
हे प्रभु तुम क्या कर रहे हो ?
यहाँ सारे संसार में त्राहि त्राहि मची है और आप चैन से बंसी बजा रहे हो
खैर अभी तो आप से मिल भी नहीं सकता क्योकि आपके मंदिर भी बंद हैं
लगता है अपनी रक्षा हमें खुद ही करनी होगी
कल मैंने कई बातें जानी इन्हें मै आपके साथ विचार करना चाहता हूँ
पूरी दुनिया में एक अघोषित युद्ध छिड़ा है
यह विश्व युद्ध से भी भयंकर है
यहाँ तो शत्रु बहुत बलशाली है पर अदृश्य है
उसके पास कोई युद्ध के उपकरण नहीं है फिर भी युद्ध भयंकर है
डर इतना की हम उसके सामने जाने से डरते हैं
पता नहीं कितनी जाने और जाएँगी
कब इसका कहर ख़त्म होगा कब हमें इस पर विजय प्राप्त होगी
आज के समय में हमारा रक्षक केवल डॉक्टर ही है
अपनी जान की परवाह किये बिना वे लोग हमारी सेवा में लगे हैं सचमुच ऐसा लगता है
मानो भगवान स्वयं डॉक्टर के रूप में हमारी सेवा कर रहे है हमारी जान बचा रहे है
जरा सोचिये जितने भी शक्तिशाली देश है वे इस समय बिलकुल असहाय महसूस कर रहे है
उनके पास ताकत है पैसा है शक्तिशाली सेना है आधुनिक हथियार हैं
फिर भी वे करोना के कहर के आगे बेबस हैं
उध र चीन में ज़िन्दगी फिर पटरी पर लोट रही है और भी देश जैसे साउथ कोरिया ने
भी करोना पर बिजय प्राप्त कर ली है अन्य देशो की भी इससे सबक लेनी चाहिए
हमारे देश में स्थिति अभी ठीक लग रही है
पर हमें अगर करोना पर विजय प्राप्त करनी है तो घर में ही रहकर नियम और निर्देशों का पालन करना है
एक और महत्वपूर्ण बात
स्पेन देश के डॉक्टर मानसिक बल हेतु ओम चैंटिंग कर रहे है
आखिर हरारी प्राचीन धारणा लोगो को सही लग रही है इसके
पहले नमस्ते को लेकर भी बात हो चुकी है
अंत में मै कहना चाहता हूँ की हमारी संस्कृति की आधारशिला बहुत ही मजबूत है
हम सभी को मिलकर संयम और अनुशासन के साथ घरो में रह कर यह लड़ाई
लड़नी है
आइये प्रतिज्ञा करे
चाहे अँधिया आये तूफ़ान आये
हम सबको अडिग रहना है
केवल कुछ दिन ही तो घर में रहना है
अच्छा तो हम चलते है
स्वस्थ रहिये खुश रहिये
अपना ख्याल रखियेगा
नमस्कार /
इन दिनों जब से लॉक डाउन के कारण घर पर ही रहना पड़ रहा है तब से मेरे मन में अनेक विचार उत्पन्न
हो रहे हैं
कुछ विचार अच्छे हैं तो कुछ बुरे
चलिए पहले कुछ गुन गुना कर मन को अच्छा कर ले
अच्चुतम केशवम कृष्णा दामोदरम ......
राम नारायणम जानकी वल्लभम
हे प्रभु तुम क्या कर रहे हो ?
यहाँ सारे संसार में त्राहि त्राहि मची है और आप चैन से बंसी बजा रहे हो
खैर अभी तो आप से मिल भी नहीं सकता क्योकि आपके मंदिर भी बंद हैं
लगता है अपनी रक्षा हमें खुद ही करनी होगी
कल मैंने कई बातें जानी इन्हें मै आपके साथ विचार करना चाहता हूँ
पूरी दुनिया में एक अघोषित युद्ध छिड़ा है
यह विश्व युद्ध से भी भयंकर है
यहाँ तो शत्रु बहुत बलशाली है पर अदृश्य है
उसके पास कोई युद्ध के उपकरण नहीं है फिर भी युद्ध भयंकर है
डर इतना की हम उसके सामने जाने से डरते हैं
पता नहीं कितनी जाने और जाएँगी
कब इसका कहर ख़त्म होगा कब हमें इस पर विजय प्राप्त होगी
आज के समय में हमारा रक्षक केवल डॉक्टर ही है
अपनी जान की परवाह किये बिना वे लोग हमारी सेवा में लगे हैं सचमुच ऐसा लगता है
मानो भगवान स्वयं डॉक्टर के रूप में हमारी सेवा कर रहे है हमारी जान बचा रहे है
जरा सोचिये जितने भी शक्तिशाली देश है वे इस समय बिलकुल असहाय महसूस कर रहे है
उनके पास ताकत है पैसा है शक्तिशाली सेना है आधुनिक हथियार हैं
फिर भी वे करोना के कहर के आगे बेबस हैं
उध र चीन में ज़िन्दगी फिर पटरी पर लोट रही है और भी देश जैसे साउथ कोरिया ने
भी करोना पर बिजय प्राप्त कर ली है अन्य देशो की भी इससे सबक लेनी चाहिए
हमारे देश में स्थिति अभी ठीक लग रही है
पर हमें अगर करोना पर विजय प्राप्त करनी है तो घर में ही रहकर नियम और निर्देशों का पालन करना है
एक और महत्वपूर्ण बात
स्पेन देश के डॉक्टर मानसिक बल हेतु ओम चैंटिंग कर रहे है
आखिर हरारी प्राचीन धारणा लोगो को सही लग रही है इसके
पहले नमस्ते को लेकर भी बात हो चुकी है
अंत में मै कहना चाहता हूँ की हमारी संस्कृति की आधारशिला बहुत ही मजबूत है
हम सभी को मिलकर संयम और अनुशासन के साथ घरो में रह कर यह लड़ाई
लड़नी है
आइये प्रतिज्ञा करे
चाहे अँधिया आये तूफ़ान आये
हम सबको अडिग रहना है
केवल कुछ दिन ही तो घर में रहना है
अच्छा तो हम चलते है
स्वस्थ रहिये खुश रहिये
अपना ख्याल रखियेगा
आप का ब्लॉग पढ़कर बहुत अच्छा लगा और यह सही है कि हमारी संस्कृति और संस्कार की नींव बहुत मजबूत है ..इस आँधी को भी झेल लेंगे.. salute to doctor, Banker and other people involve in rescue..
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