कैद में है बुलबुल
हम सभी अपने अपने घरो में कैद हैं क्योकि कोरोना वायरस के कारण २१ दिन का लॉक डाउन किया गया है/
मैं मोबाइल पर भजन सुन रहा था पर अब तो भजन की जगह एक डांस आ रहा है अब तो मूड बदल गया /
मैं तो ब्लॉग लिखने बैठा था /
आज मेरा पहला दिन है जब मई हिंदी में ब्लॉग लिख रहा हूँ /
और साथ साथ अपना प्रिय भजन सुन रहा हूँ ]
ॐ जय जगदीश हरे
स्वामी जय जगदीश हरे
आप ही रोज सुनिये मन शांत होगा
एक बात और यह ब्लॉग हमारे आपस की बातचीत है अतः कोई गलती हो जाए तो माफ करेंगे
अब मुझमे बिश्वास हो रहा है की हम हिंदी में बात कर संकेगे
सचमुच हमें हिम्मत नहीं हारनी चाहिय्र क्योकि डर के आगे जीत है
पहले कुछ गन गुना लें
सब क़ुछ सीखा न सीखी होशियारी
सच है दूनियावाले हम है अनारी
मेरी उम्र अभी ७१ साल हो गयी है पर भी भी सब हमें ज्ञान देते है कहते है आपको तो कुछ मालूम नहीं
खैर अब आगे बढ़ते है
आज मुझे हिंदी में लिखने में हिचक हो रही है जबकि स्कूल के दिनों में मै इस बिषय में निपुण था और मुझे हिंदी भाषा में लेख लिहने के लिए कई पुरस्कार मिले थे
अब मै पुनः पुरानी यादो में खो जाना चाहता हूँ
आप सोच रहे है
मै मै क्यों यह सब बातें कर रहा हूँ
इस लॉक डाउन के समय घरो में रह कर क्या करें इस बिषय पर सैकड़ों सन्देश मिल रहे है
अतः मैंने सोचा क्यों नहीं हम अपनी पुरानी यादे ताजा करें और उन लम्हों को जिये जिससे आज के
तनाव भरे दिनी में कुछ तो राहत मिले
अतः कृपया आप भी इस समय का सदूपयोग करे और मुड़ कर देखे क्या फिर से वह मीठे जीवन के पल हम जी सकते है
हम तो ज्ञान बाटना नहीं चाहते हम तो चाहते है आप खुद अपने ज्ञान का सदुपयोग करें
हमारी बात चीत जारी रहेगी
तब तक के लिए यही कहना है
खुश रहिये स्वस्थ रहिये
हमने सुना है चिड़ियों का चह चहाना
सोचता हूँ
वह गन गुना रहे है या
सिसक रहे हैं
आप का यह पहला ब्लॉग हिंदी में पढ़ा।सचमुच बहुत अच्छा लगा।उससे भी एक अच्छी बात या कहें कि थोड़ा आश्चर्य हुआ आप ने लिखने के बहाने अपने origial व्यक्तित्व में नज़र आए है। आप इसी तरह हमलोगों के प्रेरणा के कारक बने रहें..
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